काशी-मथुरा दोनों जगह हमने ताले खुलवाए, विधानसभा में बोले सीएम योगी, अखिलेश पर निशाना
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यूपी विधानसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए सीएम योगी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि आपको तो मथुरा और काशी जाने में डर लगता था। आपको वोट बैंक छिटक जाने का खतरा था।

समाजवादी सरकार ने काशी और मथुरा दोनों जगह ताला लगाया था। हमारी सराकर में दोनों जगह ताले खुलवाए गए हैं। हमने काशी-मथुरा या अयोध्या के विकास के लिए ही धन नहीं दिया है बल्कि वृंदावन, गोकुल, विंध्यवासिनी, नाथ कारिडोर से लेकर प्रयागराज कुंभ के लिए भी धन का आवंटन किया गया है।

योगी से पहले अखिलेश ने कहा कि राम के नाम पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। इस पर भी सीएम योगी ने जवाब दिया। योगी ने कहा कि हमारे लिए राम राजनीति का नहीं आस्था का मामला है। राजनीति तो आप करते हैं। आपको अयोध्या नहीं जाना है क्योंकि वोट बैंक की राजनीति पर असर पड़ जाएगा। हम लोग मंदिर बनने से पहले भी अयोध्या गए थे, आज भी जा रहे और आगे भी जाएंगे। बजट में धनराशि का आवंटन अयोध्या, काशी, मथुरा, वृंदावन, गोकुल, विंध्यवासिनी कॉरिडोर, नाथ कारिडोर सभी के लिए बजट की व्यवस्था की गई है। एक-एक धर्मस्थल को विकसित करने के लिए बजट में धनराशि दी गई है। प्रयागराज में कुंभ के लिए बजट दी गई है।

सीएम योगी ने कहा कि आप (अखिलेश यादव) तो मथुरा वृंदावन के लिए भी कुछ नहीं कर पाए थे। आपको वहां जाने में भी डर लगता था। काशी में समाजवादी पार्टी की सरकार ने ताला बंद किया था। मथुरा की जन्मभूमि में भी पीछे से पार्क में ताला समाजवादी सरकार ने लगवाया था। दोनों तालों को हम लोगों ने खुलवाया है। जन्मभूमि के लिए भी बजट में धनराशि की व्यवस्था की गई है।

दोहे से दिया कविता का जवाब
सीएम योगी ने कहा कि मैं तो बिजनौर गया और रात में भी रुका था। आप तो कभी नहीं रुकेंगे। मुख्यमंत्री रहते आप कभी नोएडा और बिजनौर नहीं गए। आपको डर लगता था कि वहां गए तो कुर्सी छिन जाएगी। शिवपाल कुर्सी हथिया लेंगे। आपको अब चाचा पर फैसला लेना चाहिए, आखिर क्यों उपेक्षित बैठे हुए हैं। योगी ने कहा कि पिछली सरकारों में कुछ करने की जिजीविषा राज्य के नेतृत्व में नहीं थी। नीतिगत जड़ता थी। इच्छा नहीं थी। प्राथमिकता विकास नहीं था, युवा नहीं था, महंगाई नहीं थी। गरीब नहीं था, रोजगर नहीं था।

अखिलेश यादव ने कविता के जरिए वार किया था तो सीएम योगी ने दोहे से पलटवार किया। कहा कि तुलसीदास ने ऐसे लोगों के लिए ही कहा है: सगल पदारथ इही जग माही, कर्महीन नर पावत नाहीं। अखिलेश की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह इन्हीं के लिए कहा है।

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