कर्नाटक में जैन मुनि की हत्या का मामला गहराया; राज्य सरकार का CBI जांच से इनकार
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कर्नाटक में जैन मुनि का हत्या का मामला गहराता जा रहा है। राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बेलगावी जिले में हुए इस हत्याकांड की जांच CBI को सौंपने से इनकार कर दिया है। उन्होंने मामले की जांच और अब तक की गई गिरफ्तारियों को लेकर पुलिस की सराहना भी की।

उन्होंने यह बात ऐसे समय में कही, जब विपक्षी भाजपा ने विधानसभा में इस संबंध में सीबीआई जांच की मांग करते हुए आवाज उठाई है। विपक्ष ने यह आशंका भी व्यक्त की कि जिस तरह से पुलिस मामले को संभाल रही है, ऐसे में इसमें लीपापोती हो सकती है। वहीं, जैन समुदाय की ओर से कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया गया। बेलगावी जिले के चिक्कोडी में हुई जैन मुनि की क्रूर हत्या की निंदा करते हुए उसने न्याय और सुरक्षा की मांग की गई।

चिक्कोडी तालुक के हिरेकोडी गांव में नंद पर्वत आश्रम के कामकुमार नंदी महाराज की हत्या कर शव को रायबाग तालुक के खटकभावी गांव में बोरवेल के एक गड्ढे में फेंक दिया गया था। परमेश्वर ने कहा, ‘ऐसे मामलों में कोई भी राजनीति या भेदभाव नहीं करेगा। घटना का पता चलने पर पुलिस ने तुरंत शिकायत दर्ज की और कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बोरवेल के गड्ढे में फेंके गए शव के हिस्से भी बरामद कर लिए हैं। मैं त्वरित कार्रवाई के लिए पुलिस की सराहना करता हूं।’

आमरण अनशन की धमकी
घटना के विरोध में हुब्बल्ली में आमरण अनशन की धमकी देने के बाद वह जैन संत वरुरु गुणाधर नंदी महाराज से मिलने पहुंचे और उनसे बातचीत की। परमेश्वर ने बताया कि उन्होंने संत की सभी मांग सुनी और आश्वासन दिया कि कार्रवाई की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। मामले की सीबीआई जांच कराने के बारे में सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग पूरी तरह सक्षम है और आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा, ‘अभी जांच चल रही है, इसलिए मुझे नहीं लगता कि फिलहाल यह मामला सीबीआई और अन्य जांच एजेंसी को सौंपने की जरूरत है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और जांच पूरी होने के बाद सच पता चल जाएगा।’

2 आरोपी हो चुके गिरफ्तार
पुलिस कह चुकी है कि हत्या के संबंध में सभी पहलुओं से जांच चल रही है और 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। खबरों के मुताबिक, आरोपियों की पहचान नारायण बसप्पा मादी और हसन दलायथ के रूप में हुई है। जैन समुदाय के कुछ लोगों ने कामकुमार नंदी महाराज की हत्या की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। वहीं, विपक्षी पार्टी भाजपा ने भी इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया और सीबीआई जांच की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इसे पूर्व नियोजित निर्मम हत्या बताया। बिजली का झटका देकर जैन मुनि की हत्या कैसे की गई, फिर उनके शरीर को टुकड़ों में काटकर बोरवेल के गड्ढे में कैसे फेंक दिया गया। इस बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि अपराधियों का दुस्साहस दर्शाता है कि राज्य में कानून का कोई डर नहीं है। उन्होंने कहा कि जैन मुनि और आरोपी के बीच कोई वित्तीय लेनदेन नहीं था, जैसा कि आरोप लगाए जा रहे हैं।

CBI जांच की हो रही मांग
बोम्मई ने कहा कि अगर सरकार निष्पक्ष जांच में यकीन करती है, तो उसे मामले को सीबीआई को सौंपना होगा। उन्होंने कहा कि साथ ही कानून व्यवस्था की स्थिति को मजबूत करने के लिए भी सरकार को कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा, ‘मामले में राजनीतिक समर्थन से लीपापोती करने के आरोप लग रहे हैं, इसे गलत साबित करने के लिए सीबीआई को जांच सौंपी जाए।’ अभय पाटिल, शशिकला जोले, बसनगौड़ा पाटिल यतनाल, वी सुनील कुमार और सिद्दू सावदी सहित कई भाजपा विधायकों ने भी सीबीआई जांच की मांग की। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने भाजपा की ओर से उठाए गए मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री परमेश्वर इस मामले में जानकारी जुटाने के लिए हुब्बल्ली और चिक्कोडी के दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि परमेश्वर के वापस आने पर सरकार बयान जारी करेगी। उन्होंने हत्या की निंदा करते हुए इसे जघन्य और क्रूर बताया।

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