कब तक तरसाएगा मॉनसून? लू, गर्मी के बीच मौसम विभाग की इस रिपोर्ट ने बढ़ाई चिंता
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एक तरफ देश में लोग टकटकी बांधे मॉनसून का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, मौसम विभाग ने मॉनसून में देरी के संकेत दिए हैं। आईएमडी और स्काईमेट वेदर द्वारा जारी रिपोर्ट में बारिश में देरी का अनुमान जताया गया है।

इस अनुमान के मुताबिक छह जुलाई के पहले देश में बारिश का हाल बहुत अच्छा नहीं रहने वाला है। स्काईमेट ने सोमवार को फोरकास्ट जारी किया, जिसमें मध्य और उत्तरी पश्चिमी भारत के विभिन्न हिस्सों में छह जुलाई तक सूखा रहने की बात कही गई है। बारिश में होने वाली इस देरी से किसानों के लिए परेशानी बढ़ सकती है, जो फिलहाल धान की नर्सरी तैयार करने में जुटे हुए हैं। उधर देश के विभिन्न हिस्सों में गर्मी और लू का कहर जारी है और तापमान में गिरावट आने के आसार नहीं है।

फसल चक्र पर भी असर
स्काइमेट वेदर के मुताबिक 9 जून से 6 जुलाई के बीच बारिश को लेकर निराशा जाहिर की गई है। इसके मुताबिक कृषि क्षेत्र में दरार और सूखा दिखाई दे रहा है। जबकि धान की नर्सरी और रोपाई के लिए तैयारी को देखते हुए किसान इस वक्त में अच्छी बारिश की उम्मीद करता है। लेकिन मध्य और पश्चिमी हिस्सों में अपर्याप्त बारिश के आसार बन रहे हैं। यह बुवाई के महत्वपूर्ण समय या कम से कम खेत को तैयार करने के साथ मेल खाता है, आसन्न अच्छी बारिश की उम्मीद के साथ। इसके चलते किसानों को फसल चक्र और फसलों के प्रकार के चयन में परेशानी होगी। आईएमडी के पूर्वानुमान में 30 जून से 6 जुलाई के सप्ताह में हल्की बारिश का संकेत दिया गया है। 1 जून से देश में बारिश में 54 फीसदी कमी हुई है। इसमें दक्षिण प्रायद्वीप में 53 फीसदी की, मध्य भारत में 80 फीसदी की, उत्तर-पश्चिम भारत में 10 और पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 53 फीसदी की कमी आई है।

बिपरजॉय से बारिश, लेकिन मॉनसून नहीं
स्काइमेट वेदर के वरिष्ठ अधिकारी, महेश पालावत ने कहा कि बिपरजॉय चक्रवात के चलते गुजरात और राजस्थान में बारिश होगी। लेकिन हम करीब एक हफ्ते तक मध्य भारत में मॉनसून के आने की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। देश के आंतरिक भागों में मॉनसून कवरेज में तेजी नहीं आई है। इसके पीछे बिपरजॉय को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि बिपरजॉय लैंडफॉल के बाद कमजोर होगा, लेकिन कम दबाव का क्षेत्र बना रहेगा और मानसूनी हवाएं गति नहीं पकड़ेंगी। यह नमी को उत्तर-पश्चिम भारत की ओर मोड़ देगा। हालांकि पालावत ने आगे कहा कि लंबे समय के अंतराल के चलते पूर्वानुमान बहुत सटीक नहीं हैं। लेकिन कुछ मॉडल जुलाई की शुरुआत में भी शुष्क हालात का संकेत दे रहे हैं। पूर्वानुमान लगभग 5 दिन पहले अधिक सटीक होते हैं।

तेज गर्मी से झुलस रहा देश
इस बीच पूरा देश तेज गर्मी से झुल रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्व मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, बिहार और उड़ीसा में रविवार को तापमान 42 से 44 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। ओडिशा, बिहार और तटीय आंध्र प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भीषण गर्मी की स्थिति बनी हुई है और गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड और तेलंगाना के अलग-अलग हिस्सों में लू की स्थिति बनी हुई है। गुजरात को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव होने की उम्मीद नहीं है, जहां अगले 5 दिनों के दौरान तापमान में 4-6 डिग्री सेल्सियस और राजस्थान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना है। छत्तीसगढ़, ओडिशा और तटीय आंध्र प्रदेश और यानम में अलग-अलग स्थानों पर अगले 2 दिनों के दौरान भीषण लू की स्थिति जारी रहने की संभावना है और उसके बाद अगले 3 दिनों के दौरान लू की स्थिति बनी रह सकती है। आईएमडी ने चेतावनी दी है कि अगले पांच दिनों के दौरान दक्षिण उत्तर प्रदेश, गंगीय पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में लू की स्थिति जारी रहने की संभावना है।

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