समाजवादी पार्टी का गढ़ रही कन्नौज सीट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव ही चुनाव लड़ेंगे। गुरुवार को अखिलेश कन्नौज सीट से अपना नामांकन दाखिल करेंगे। समाजवादी पार्टी के अनुसार गुरुवार की दोपहर 12 बजे अखिलेश अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।
इससे पहले सपा ने लालू प्रसाद यादव के दामाद और मुलायम परिवार के ही तेज प्रताप यादव को यहां से प्रत्याशी घोषित किया था। उनकी उम्मीदवारी के अगले ही दिन से कई चर्चाएं चलने लगी थीं। अखिलेश के ही उतरने की चर्चा उसी दिन से होने लगी थी। इटावा में बुधवार को अखिलेश यादव ने भी उम्मीद्वारी को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि नामांकन होगा तो पता चल जाएगा। कहा कि हो सकता है कि उससे पहले ही पता चल जाए। उन्होंने तेज प्रताप का नाम भी नहीं लिया। अखिलेश ने यह भी कहा कि सवाल कन्नौज की ऐतिहासिक जीत का है। इंडिया गठबंधन भविष्य बनकर आ रहा है। इसके कुछ घंटे बाद ही समाजवादी पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि कन्नौज से अखिलेश यादव गुरुवार की दोपहर नामांकन दाखिल करेंगे।
अखिलेश यादव इससे पहले 2000 से 2012 तक कन्नौज सीट से ही लोकसभा सांसद रहे हैं। यूपी का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने 2012 में इस्तीफा दे दिया था। 2017 में यूपी में सरकार नहीं बना पाई तो वह 2019 में आजमगढ़ से मैदान में उतरे और फिर से लोकसभा सांसद चुने गए। 2022 में यूपी विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था। कहा जा रहा है कि कन्नौज में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता तेज प्रताप की उम्मीदवारी से नाराज थे। वह तेज प्रताप को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे। यह माना जाने लगा कि अगर अखिलेश चुनाव नहीं लड़ते तो बीजेपी को बढ़त मिल सकती है।
वहीं, भाजपा की ओर से एक बार फिर सुब्रत पाठक मैदान में उतरे हैं। सुब्रत पाठक ने 2019 में अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव को हराकर कन्नौज सीट जीती थी। इंडिया टुडे टीवी के साथ बातचीत में पाठक ने दावा किया कि 2019 में उनकी जीत के बाद कन्नौज अब सपा का गढ़ नहीं है। कहा कि मैं चाहता था कि अखिलेश यादव कन्नौज से चुनाव लड़ें, क्योंकि अब तेज प्रताप की उम्मीदवारी के साथ चुनाव में कोई उत्साह नहीं बचा है।