ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन मांझी ने केंद्र सरकार से माओवाद प्रभावित जिलों में तैनाती के लिए 12 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कंपनियों को करीब दो साल के लिए भेजने का आग्रह किया है।दरअसल, जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों के चलते ओडिशा में तैनात आरपीएफ की 15 कंपनियों को केंद्र ने जम्मू-कश्मीर स्थानांतरित कर दिया था, जिससे ओडिशा में स्थिति बिगड़ने की संभावना पैदा हो गई थी।केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा बैठक में भाग लने वाले मुख्यमंत्री मांझी ने कहा कि नक्सल विरोधी अभियान को ओडिशा में और तेज करने के लिए हमें और सुरक्षा बलों की आवश्यकता है। क्योंकि छत्तीशगढ़ में इस अभियान की तेजी को देखते हुए नक्सली ओडिशा के इलाकों में जा सकते हैं। मांझी ने केंद्रीय गृहमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि हमें केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की तुरंत जरूरत है।
दो दशक से माओवादी हिंसा का सामना कर रहा है ओडिशामुख्यमंत्री मांझी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि पिछले दो दशकों से ओडिशा माओवादी हिंसा का सामना कर रहा है। इन हिंसक गतिविधियों का सामना करने के लिए राज्य के प्रभावित इलाकों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई थी। लेकिन पिछले एक साल में बीएसएफ की 2 बटालियन और सीआरपीएफ की 15 कंपनियों को वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के रणनीतिक स्थानों से हटा लिया गया है, जिससे सुरक्षा शून्य पैदा हो गया है। माझी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ बढ़े अभियान के कारण छत्तीसगढ़ की ओर से ओडिशा में घुसपैठ की निश्चित संभावना है।मुख्यमंत्री मांझी ने कहा कि ओडिशा में माओवादी हिंसा में कमी आई है लेकिन फिर भी कई ऐसे इलाके हैं जहां पर सुरक्षा बलों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कंधमाल-बौध-कालाहांडी अक्ष में माओवादी समूह अभी भी सक्रिय हैं। यह क्षेत्र सुरक्षा बलों के लिए एक चुनौती बना हुआ है, जिसे खत्म करने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है।