मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव इस साल होने वाले हैं। इसके अलावा अगले साल लोकसभा चुनाव हैं और उसके साथ ही आंध्र प्रदेश और ओडिशा के भी इलेक्शन होने हैं।
ऐसे में भाजपा तैयारियों में जुट गई है। विधानसभा चुनाव के साथ ही लोकसभा इलेक्शन के लिए प्लानिंग बन रही है और इसकी योजना राज्यवार तैयार हो रही है। यूपी, महाराष्ट्र, बिहार, बंगाल समेत तमाम राज्यों में भाजपा अलग-अलग रणनीति पर काम करके लोकसभा चुनाव में जाना चाहती है। इससे पहले योजना तैयार करने के लिए दिल्ली में मंथन चल रहा है।
मंगलवार को होम मिनिस्टर अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष की मीटिंग थी। इस बैठक में कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष बदलने पर भी विचार हुआ। यही नहीं संगठन से बाहर काम कर रहे कई नेताओं को अहम जिम्मेदारी देकर चुनाव में लाने पर भी बात हुई है। इस बीच शुक्रवार को एक बार फिर से दिल्ली में बैठक हुई है। इस मीटिंग में जेपी नड्डा ने पार्टी के महासचिवों के साथ चर्चा की। यही नहीं इसके बाद 11 जून को पार्टी ने अपने सभी मुख्यमंत्रियों और उप-मुख्यमंत्रियों को भी बुलाया है। माना जा रहा है कि इसमें हर राज्य की रिपोर्ट ली जाएगी और फिर वहां कैसे चुनाव की क्या तैयारी की जाए, इस पर विचार होगा।
इससे पहले बुधवार को जेपी नड्डा ने यूपी के नोएडा में टिफिन मीटिंग में हिस्सा लिया था। भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी लोकसभा चुनाव के प्रचार के पहले चरण में 51 रैलियां और 4000 से ज्यादा टिफिन पे चर्चा वाली मीटिंग करने जा रही है। इसके जरिए पार्टी गली-गली तक पहुंचने की कोशिश करेगी। भाजपा के एक नेता ने कहा कि टिफिन मीटिंग के दौरान अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे जमीन पर काम करें। टिफिन मीटिंग जैसे आयोजनों से इसमें मदद मिलेगी। जेपी नड्डा ने कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पालन करने की नसीहत दी और एकता का संदेश दिया।
नड्डा की सलाह- लोग गुस्सा होंगे, पर आपको विनम्र ही रहना है
जेपी नड्डा ने कार्यकर्ताओं को कई किसान आंदोलन, बेटियों के मुद्दे जैसे मामलों पर कार्यकर्ताओं से विनम्रता से डील करने को कहा। जेपी नड्डा ने कहा कि आप जब जनता के बीच जाएंगे तो ऐसे मुद्दों पर कुछ लोग तीखा विरोध कर सकते हैं। इन लोगों को आप विनम्रता से ही जवाब दें और पार्टी का पक्ष रखें। उन्हें यह बताएं कि भाजपा समाज के साथ है और उनके मुद्दों के लिए काम कर रही है। किसी से भी आक्रामक अंदाज में बात न करें। गौरतलब है कि भाजपा ने 160 सीटों को मुश्किल के तौर पर चुना है और उन पर खास फोकस कर रही है।