उड़ान के चौथे मिनट में फट पड़ा दुनिया का सबसे बड़ा रॉकेट, मंगल तक जाने की थी क्षमता
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एलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का विशालकाय रॉकेट स्टारशिप अपनी पहली ही उड़ान के दौरान फट गया। स्टारशिप को अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट बताया जा रहा था जो अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा, मंगल और उससे आगे भेजने के लिए डिजाइन किए गया था।

स्पेसएक्स कंपनी का यह विशालकाय रॉकेट की पहले परीक्षण के दौरान गुरुवार को फट गया। विशालकाय रॉकेट को टेक्सास के बोका चिका में निजी स्पेसएक्स स्पेसपोर्ट स्टारबेस से सुबह सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। बिना किसी क्रू मेंबर के इस स्टारशिप कैप्सूल को तीन मिनट के बाद अलग होना था, लेकिन निर्धारित सयम में यह अलग नहीं हो पाया और अपनी उड़ान के चौथे मिनट में रॉकेट में विस्फोट हो गया।

दुनिया का सबसे बड़ा रॉकेट

यह दुनिया का सबसे बड़ा रॉकेट बताया जा रहा था। यह रॉकेट दो हिस्से में बंटा है। ऊपर वाला हिस्सा जिसे स्टारशिप कहते हैं। इसकी ऊंचाई 394 फीट है. व्यास 29.5 फीट है। ऐसा बताया जा रहा है कि इस रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष यात्री मंगल ग्रह तक सफल तय कर सकते हैं। रॉकेट के अंदर 1200 टन ईंधन की कैपेसिटी है। इस रॉकेट में इतनी क्षमता है कि यह पूरी पृथ्वी का चक्कर मात्र एक घंटे में लगा सकता है।

एक घंटे में लगा सकता है धरकी का चक्कर

दूसरा हिस्सा है सुपर हैवी। यह 226 फीट ऊंचा रॉकेट है। जो रीयूजेबल है। यानी यह स्टारशिप को एक ऊंचाई तक ले जाकर वापस आ जाएगा। इसके अंदर 3400 टन ईंधन आता है। इसे 33 रैप्टर इंजन ऊर्जा प्रदान करते हैं। यह स्टारशिप को अंतरिक्ष में छोड़कर वायुमंडल पार करते हुए वापस समुद्र में गिरने वाला था।

सुपर हैवी रॉकेट से अलग होने के बाद स्टारशिप अपनी बदौलत धरती से 241 किलोमीटर ऊपर धरती का लगभग एक चक्कर पूरा करेगा। लॉन्च के 90 मिनट बाद वह प्रशांत महासागर में गिर जाएगा। अगर यह इस दौरान धरती की निचली कक्षा में चला जाता है, तो यह एक बड़ी सफलता होगी। इस रॉकेट में फिलहाल कोई पेलोड नहीं है।

हालांकि, ये सभी प्रक्रिया पूरी करने से पहले ही स्टारशिप रॉकेट आसमान में ही फट पड़ा। आखिर ऐसा क्यों हुई इसके बारे में स्पेसएक्स के अधिकारी पता लगा रहे हैं।

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