सरकारी कर्मचारियों को लेकर केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों को बेहद अहम निर्देश दिया है। अब उन सरकारी कर्मचारियों की खैर नहीं जो ढंग से काम नहीं कर रहे हैं। दरअसल अपने निर्देशों का पालन न करने से नाराज केंद्र ने सभी मंत्रालयों से कर्मचारियों के कामकाज की समय पर समीक्षा करने को कहा है।कामकाज की समीक्षा करने को इसलिए कहा है ताकि अच्छा प्रदर्शन न करने वालों को समय से पहले रिटायर किया जा सके।कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने एक आदेश में संबंधित मंत्रालयों से कहा कि वे अपने प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू), बैंकों, स्वायत्त संस्थानों और सांविधिक निकायों को कर्मचारियों की आवधिक समीक्षा करने का निर्देश दें। इसमें कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों के प्रदर्शन की आवधिक समीक्षा करने के निर्देश कई बार जारी किए गए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उन्हें ‘‘सार्वजनिक हित में सेवा में बनाए रखा जाना चाहिए या समय से पहले सेवानिवृत्त कर दिया जाना चाहिए।’’सभी केंद्रीय सरकारी विभागों के सचिवों को जारी आदेश में कहा गया है कि प्रशासनिक मंत्रालयों और विभागों से बार-बार अनुरोध किया गया है कि वे इस संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और इस संबंध में एक रिपोर्ट डीओपीटी को पेश करें। इसमें कहा गया है कि यह संज्ञान में आया है कि विभिन्न मंत्रालय और विभाग उक्त दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप मूल नियमों (एफआर)-56 (जे)/(आई) और केंद्रीय सिविल सेवा के नियम 48 या सीसीएस (पेंशन) नियमों (अब, सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 के नियम 42 के रूप में संशोधित) के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत समीक्षा के लिए सरकारी कर्मचारियों की पहचान करने में देरी हो रही है।ये नियम सरकारी कर्मचारियों की आवधिक समीक्षा और समयपूर्व सेवानिवृत्ति की नीति निर्धारित करते हैं तथा सरकारी कार्यों के निपटान में दक्षता, मितव्ययिता और गति सुनिश्चित करते हैं। डीओपीटी ने 27 जून के अपने आदेश में कहा, ‘‘उपरोक्त के मद्देनजर, मंत्रालयों/विभागों से अनुरोध है कि वे मूल/पेंशन नियमों के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत समीक्षा के लिए कर्मचारियों की पहचान करने के संबंध में तत्काल कार्रवाई करें और यह सुनिश्चित करें कि उनके (कर्मचारियों) मामले समीक्षा समिति के समक्ष विचार के लिए शीघ्रता से प्रस्तुत किए जाएं।’’ इसके मुताबिक, सभी मंत्रालयों और विभागों को इस संबंध में जुलाई, 2024 से प्रत्येक माह की 15 तारीख तक एक विशेष प्रारूप में डीओपीटी को रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।