मिडिल-ईस्ट में तनाव एक बार फिर से चरम पर है। आशंका है कि ईरान 24 घंटे के भीतर इजरायल पर हमला कर सकता है। इसे देखते हुए इजरायली सरकार भी अपनी तैयारियों में जुटी हुई है। खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि ईरान की जवाबी कार्रवाई रविवार तक हो सकती है।माना जा रहा है कि तेहरान की ओर से इस अभूतपूर्व हमले से युद्ध छिड़ सकता है। दरअसल, ईरान अपनी एक इमारत पर घातक बमबारी के बाद जवाबी हमले की तैयारी में है। मगर, इसे लेकर इजरायल का दावा रहा कि वह उसके हितों के खिलाफ खतरों से जुड़ी थी।तेहरान की ओर से बदला लेने की चेतावनी के बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजरायल को भरपूर समर्थन देने की बात कही है। रिपोर्ट के मुताबिक, यूएस ने इजरायल और अमेरिकी बलों की रक्षा के लिए अतिरिक्त मिलिट्री असेट्स भेजी है। नौसेना के एक अधिकारी ने बताया, 2 नौसेना विध्वंसक जहाजों को पूर्वी भूमध्य सागर में भेजा गया है। इनमें से एक यूएसएस कार्नी है, जो लाल सागर में हूती ड्रोन और एंटी-शिप मिसाइलों के खिलाफ हवाई रक्षा कर रहा था। साथ ही, यूएस ने इस क्षेत्र में शत्रुता पर लगाम लगाने की कोशिशों को दोगुना कर दिया है। इसके लिए ईरान के मित्र देशों से भी बातचीत चल रही है।
ईरान-इजरायल तनाव पर क्या बोले बाइडन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी इसे लेकर इजरायल को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि ईरान के जल्द ही हमला करने की आशंका है। मगर, उन्होंने ऐसा न करने की अपील भी की। बाइडन ने एक कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘मैं पूरी तरह से सत्यापित जानकारी तो नहीं दे रहा, मगर आशंका है कि जल्द से जल्द ऐसा हो सकता है।’ अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा गया कि इजरायल पर हमला करने को लेकर ईरान को उनका क्या संदेश क्या है? इस पर बाइडन ने कहा, ‘ऐसा मत करो।’
सूत्रों ने कहा कि ईरान गाजा पट्टी में युद्धविराम सहित अपनी मांगें पूरी होने तक इससे पीछे हटने वाला नहीं है। यह भी कहा कि ईरान परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत फिर से शुरू करना चाहता है। ईरान अमेरिका से यह आश्वासन भी चाहता था कि वह नियंत्रित हमले की स्थिति में शामिल नहीं होगा, जिसे अमेरिका ने कथित तौर पर खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि गत 1 अप्रैल को इजरायल ने सीरिया के दमिश्क में ईरानी दूतावास के कांसुलर एनेक्सी पर हवाई हमला किया। हमले से इमारत नष्ट हो गई। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर ने कहा कि हमले में 2 कमांडर सहित उसके सात सदस्य मारे गये हैं। इसके बाद ईरान ने इजरायल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है।