इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे की कवायद शुरू हो गई है। जाहिर है, देश के सबसे बड़े राज्य यानी उत्तर प्रदेश में किसे कितनी सीटें मिलेंगी इस पर सबकी नज़र है।
यहां गठबंधन के सबसे बड़े दल के रूप में समाजवादी पार्टी लगातार त्याग और बड़ा दिल दिखाने की बात कर रही है। अब सूत्रों से पता चल रहा है कि घटक दलों के लिए सपा उन सीटों को छोड़ सकती है जहां पिछले कई चुनावों से या कभी उसकी जीत नहीं हुई है। पार्टी प्रदेश की 60 से ज्यादा सीटें लड़ने की तैयारी में है।
बताया जा रहा है कि अखिलेश, कांग्रेस और जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल काे 18 सीटें दे सकते हैं। सपा को उम्मीद है कि प्रदेश के मौजूदा सियासी हालात में ये दोनों दल इतनी सीटों पर मान जाएंगे। हालांकि कांग्रेस के बारे में कहा जा रहा है कि वो उन 21 सीटों पर दावा कर सकती है जिन पर 2009 के चुनाव में उसे जीत हासिल हुई थी। रालोद प्रमुख जयंत चौधरी भी गठबंधन में अपनी पार्टी के लिए वेस्ट यूपी की कई सीटों पर दावा कर सकते हैं।
इंडिया गठबंधन में जल्द ही राज्यवार बैठकें होनी हैं जिनमें पार्टियों के बीच सीट बंटवारे पर मंथन किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि सीट बंटवारे के वक्त समाजवादी पार्टी ऐसी सीटों पर दावा नहीं करेगी जहां उसकी स्थिति कमजोर है या फिर जहां अतीत में पार्टी की हार होती आई है। वैसे यूपी की अमेठी और रायबरेली सीट पर समाजवादी पार्टी पहले भी अपना प्रत्याशी नहीं उतारती रही है। इन दो सीटों पर कांग्रेस से गांधी परिवार का उम्मीदवार होने के नाते सपा यहां चुनाव नहीं लड़ती है।
2019 के चुनाव में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी से अमेठी सीट छीन ली थी जबकि रायबरेली सीट पर सोनिया गांधी ने कांग्रेसी कब्जा बरकरार रखा। सूत्रों का कहना है कि इन दो सीटों के अलावा हो सकता है कि अखिलेश गाजियाबाद, नोएडा, बागपत, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, पीलीभीत, धौरहरा, वाराणसी, बस्ती, सुल्तानपुर, लखनऊ और कानपुर सीट पर भी दावा न करे। कुल 18 सीटें कांग्रेस या रालोद के लिए छोड़ी जा सकती हैं। सपा, यूपी की 60 से अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में जुटी है।
बीजेपी पर तेज किए हमले
उधर, जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है सपा मुखिया अखिलेश यादव बीजेपी पर हमले तेज करते जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी बड़ी लड़ाई का सामना करने को तैयार है। भाजपा 2014 में जनता से झूठे वादे और धोखा देकर सत्ता में आयी थी। जनता 2024 में भाजपा की विदाई कर देगी।
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश भाजपा को सत्ता से बाहर कर देगा। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव में हेराफेरी कर सत्ता पर कब्जा बनाए रखना चाहती है। उसने संवैधानिक संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया है। उसका एजेण्डा सिर्फ सत्ता का दुरुपयोग करना है। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने षडयंत्र कर समाजवादी पार्टी समर्थकों के वोट कटवाएं।