नए फाइनेंशियल ईयर में नौकरीपेशा लोगों के बीच लोकप्रिय सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) के नियम बदल गए हैं। अब इस योजना में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए पैन और आधार संख्या अनिवार्य कर दी गई है।
इससे पहले निवेश की अनुमति बिना आधार नंबर जमा किए दी जाती थी। पीपीएफ के अलावा अन्य छोटी बचत योजनाओं में भी निवेश के ये नए नियम लागू होंगे।
ब्याज पर झटका: सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए ज्यादातर छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। हालांकि पीपीएफ पर ब्याज दर अप्रैल-जून तिमाही के लिए 7.1 प्रतिशत पर बरकरार है। करीब 12 तिमाहियों से इस स्कीम की ब्याज में इजाफा नहीं हुआ है।
क्या है पीपीएफ स्कीम: यह स्कीम छोटी बचत योजना के तहत आती है। इस स्कीम के तहत आप 500 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं। प्रति वर्ष के हिसाब से अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकता है। इस स्कीम में 15 साल की लॉक-इन पीरियड है। आप कुछ शर्तों के साथ लॉक-इन पीरियड से पहले पैसे निकाल सकते हैं।
टैक्स छूट भी: इस स्कीम में आप ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत टैक्स छूट भी हासिल कर सकते हैं। आपको बता दें कि पीपीएफ पर लोन की भी सुविधा मिलती है। वहीं, योजना के तहत ज्यादा ब्याज का लाभ चाहते हैं तो महीने के 1 से 4 तारीख के बीच में रकम जमा करना होगा। इससे आप निवेश शुरू करने के महीने के ब्याज के लिए भी योग्य होंगे।