असली एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) कौन है इसको लेकर लड़ाई तेज हो गई है। क्या शरद पवार एनसीपी के प्रमुख हैं या पार्टी उनके भतीजे अजीत पवार की है? इसको लेकर चुनाव आयोग में कई घंटों तक सुनवाई चली।
निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा कर रहे शरद पवार और अजित पवार के नेतृत्व वाले दोनों गुटों से उनका पक्ष जाना। राकांपा के संस्थापक शरद पवार निर्वाचन आयोग द्वारा दोनों गुटों की हुई सुनवाई के दौरान उपस्थित थे। आयोग ने आगे नौ अक्टूबर को कार्यवाही जारी रखने का फैसला किया।
शुक्रवार की सुनवाई के बाद शरद पवार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि दूसरे पक्ष (अजित पवार) द्वारा प्रस्तुत तर्क अजीब और अस्तित्वहीन है। सिंघवी ने कहा, “अपनी प्रारंभिक आपत्ति में, हमने कहा था कि आप एक मुख्य मुद्दे के रूप में यह निर्धारित करने के लिए बाध्य हैं कि कोई विवाद है या नहीं। आयोग ने हमारी बात सुनी लेकिन कहा कि हम इस स्तर पर फैसला नहीं करेंगे।”
सिंघवी ने कहा कि दूसरे पक्ष यानी महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के गुट की दलील अगली सुनवाई में भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा, “हमने अभी तक इसका जवाब नहीं दिया है। यह दिलचस्प है, आश्चर्यजनक है और मेरे लिए, कानून में अस्तित्वहीन है। वे कह रहे हैं कि वे संगठनात्मक परीक्षण नहीं चाहते हैं। वे जानते हैं कि एनसीपी कैडर का 99% हिस्सा मेरे बगल में खड़े व्यक्ति (शरद पवार) के साथ है। इस व्यक्ति ने इसकी स्थापना की थी, उसने इसका सपना देखा था। वे कह रहे हैं कि संगठनात्मक परीक्षण को नजरअंदाज करें… उन्होंने एक नए परीक्षण का आविष्कार किया है जो सांसद, विधायक और फिर कुछ ऐसा गिनना है जिसके बारे में मैंने कभी नहीं सुना है।”
42 विधायकों का समर्थन- अजित पवार
पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा करते हुए निर्वाचन आयोग का रुख करने वाले महाराष्ट्र के उप मुख्यमत्री अजीत पवार ने कहा कि उन्हें महाराष्ट्र में राकांपा के 53 में से 42 विधायकों, नौ में से छह विधान परिषद सदस्यों, नागालैंड से सभी सात विधायकों और लोकसभा एवं राज्यसभा के एक-एक सदस्य का समर्थन प्राप्त है। सुनवाई के दौरान शरद पवार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी निर्वाचन आयोग के समक्ष उपस्थित हुए। अजित पवार की ओर से वरिष्ठ वकील एनके कौल और मनिंदर सिंह मौजूद थे। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने राकांपा नेता शरद पवार के खिलाफ विद्रोह कर दिया था और पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा करते हुए निर्वाचन आयोग का रुख किया था। राकांपा का चुनाव चिह्न घड़ी है।
अजित पवार ने आयोग के समक्ष रखी गई अपनी दलील में कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में याचिकाकर्ता का कहना है कि उसे राकांपा की संगठनात्मक इकाई के साथ-साथ विधायी इकाई में भी भारी समर्थन प्राप्त है और इसलिए माननीय आयोग द्वारा याचिकाकर्ता के नेतृत्व वाले गुट को असली पार्टी की मान्यता देकर वर्तमान याचिका को अनुमति दी जा सकती है।’’ अजित पवार गुट ने शुक्रवार को आयोग के समक्ष अपने दावे के समर्थन में दलीलें पेश कीं। अजित पवार गुट की दलीलें सोमवार को भी जारी रहने की संभावना है।
“अजित पवार द्वारा किये गए दावे काल्पनिक”
शरद पवार के वकील सिंघवी ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि अजित पवार द्वारा किये गए दावे काल्पनिक हैं। इसी साल जुलाई की शुरुआत में महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के लिए चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत करने से दो दिन पहले अजित पवार ने 30 जून को निर्वाचन आयोग से संपर्क किया था और पार्टी के नाम के साथ-साथ चुनाव चिह्न पर भी दावा किया था और बाद में 40 विधायकों के समर्थन के साथ खुद को पार्टी अध्यक्ष भी घोषित कर दिया था। हाल में, शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट ने निर्वाचन आयोग को बताया था कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है, लेकिन कुछ लोग व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए संगठन से अलग हो गए हैं।