बस्ती शहर के व्यापारी पुत्र के अपहरण केस में लंबे समय से फरार घोषित पूर्वमंत्री अमरमणि त्रिपाठी की लखनऊ स्थित सम्पत्ति कुर्क करने के लिए पुलिस को अदालत से 15 दिन की मोहलत मिली है।विशेष न्यायाधीश सप्तम (एमपी/एमएलए)/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रमोद कुमार गिरी की अदालत ने सोमवार को केस की सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि दो दिसंबर 2023 को कुर्की का आदेश दिया गया था। इस क्रम में महराजगंज के शास्त्रीनगर नौतनवा स्थित पूर्वमंत्री के मकान की कुर्की कर एडीएम महाराजगंज की ओर से नियुक्त रिसीवर नायब तहसीलदार नौतनवा को मकान की चाबी सुपुर्द की गई है।
सहायक शासकीय अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि अभियुक्त अमरमणि की अन्य जिलों में समस्त चल-अचल संपत्तियों की भी कुर्की होनी शेष है। इसलिए पत्रावली वास्ते इंतजार कुर्की कुलिंदा के साथ 30 अप्रैल को पेश की जाए। न्यायालय के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने अमरमणि की संपत्तियों का ब्योरा जुटाया है। इसमें लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार विक्रांत खंड में भूखंड संख्या ए-3-297 के रूप में 450 वर्गमीटर का लगभग 01.18 करोड़ रुपये का प्लॉट अमरमणि के नाम पाया गया। महराजगंज के नौतनवा स्थित मकान उनके नाम पर दर्ज है। गोरखपुर में उनकी कोई संपत्ति पुलिस को नहीं मिली।
इन संपत्तियों को कुर्क करने के लिए न्यायालय ने पुलिस को कई बार निर्देशित किया लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाई। अंत में न्यायालय ने प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को कुर्की की कार्रवाई कराने के लिए निर्देशित किया। गत 30 मार्च को सुनवाई के दौरान यह कहते हुए रिमाइंडर भेजा गया कि यदि अगली सुनवाई 15 अप्रैल तक कुर्की की कार्रवाई पूरी करने की आख्या प्रस्तुत नहीं की गई तो प्रकरण को मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय के समक्ष रखा जाएगा। इस आदेश के बाद गत शनिवार को महराजगंज की संपत्ति कुर्क की गई।
क्या है मामला
बस्ती के चर्चित कारोबारी रहे धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल के अपहरण मामले में अमरमणि त्रिपाठी आरोपी हैं। छह दिसंबर, 2001 को व्यापारी धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल का अपहरण हो गया था। इस मामले में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया गया था। आरोप है कि लखनऊ के जिस मकान से अपहृत बालक मिला था, वह अमरमणि का था। अमरमणि को मिलाकर कुल नौ आरोपी बनाए गए हैं।