अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। PDA मुद्दे को लेकर पल्लवी पटेल ने नाराजगी दिखाई तो स्वामी प्रसाद मौर्य ने राष्ट्रीय महासचिव का पद छोड़ दिया। अब पूर्व मंत्री और सपा के प्रदेश सचिव कमलाकांत गौतम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
इस्तीफे में यह भी लिखा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ भेद-भाव व पक्षपातपूर्ण व्यवहार और पार्टी द्वारा उपेक्षा की गई, उससे हम सब बहुजन समाज आहत हुए हैं। पल्लवी, स्वामी और अब कमलाकांत की नाराजगी खुलकर सामने आने से अखिलेश यादव की PDA मुहिम को तगड़ झटका लगा है। तीनें PDA से ही आते हैं। कमला कांत लंबे समय तक दलितों के लिए काम करते रहे हैं।
कमलाकांत बसपा में भी रहे हैं और उनकी गिनती मायावती के करीबी लोगों में होती थी। बाद में बसपा को छोड़कर अपनी पार्टी बना ली थी। 2019 में कमलाकांत ने अपनी पार्टी का विलय सपा में कर दिया था। कमलाकांत ने अपने इस्तीफे में लिखा कि आज तक मुझे कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई। बिना किसी जिम्मेदारी व जवाबदेही के पार्टी का जनाधार नही बढ़ाया जा सकता। मैं सदैव समाजिक परिवर्तन के संघर्ष में हमेशा हिस्सा रहा हूं। मान्यवर कांशीराम, पेरियार ललई सिंह यादव के सम्पर्क में आने पर एवं बाबा साहेब अम्बेडकर के विचार से प्रभावित होकर हक और अधिकार से वंचित किए गए समाज को हक और अधिकार दिलाने में प्रयासरत रहता हूं।
कहा कि अपने दले बहुजन उत्थान पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से लगभग 600 से अधिक छोटे-बड़े पदाधिकारियों के साथ आपकी उपस्थिति में समाजवादी पार्टी ज्वॉइन की थी। पार्टी का विलय भी सपा में कर दिया था। यह भी लिखा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ भेद-भाव व पक्षपातपूर्ण व्यवहार और पार्टी द्वारा उपेक्षा की गई, उससे हम सब बहुजन समाज आहत हुए। अतः अब मैं महत्वहीन पद पर बने रहने का कोई औचित्य नही समझता हूं। समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव पद से मैं त्याग पत्र दे रहा हूं। कृपया इसे स्वीकार करें। यह भी लिखा कि बिना पद के कार्य करता रहूंगा।